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नीमच: CRPF के 86वें स्थापना दिवस पर अमित शाह, मोहन यादव ने किया जवानों का सम्मान

हमारा प्रयास, आपकी बात - सच्चाई के साथ  www.hamaraprayas.com डिजिटल डेस्क |

आयोजन स्थल: नीमच, मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के नीमच में आज केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने अपने 86वें स्थापना दिवस को पूरे सम्मान और गर्व के साथ मनाया। इस ऐतिहासिक अवसर पर CRPF परेड ग्राउंड पूरी तरह देशभक्ति और उत्साह से गूंज उठा। जवानों की टुकड़ियाँ कदम से कदम मिलाकर चल रही थीं, तो दर्शकों में गर्व और भावनाओं का समंदर उमड़ रहा था। देश की आंतरिक सुरक्षा के इस मजबूत स्तंभ का गौरवपूर्ण इतिहास नीमच से ही शुरू होता है। नीमच न केवल स्थापना की भूमि है, बल्कि CRPF की परंपरा, प्रशिक्षण और अनुशासन की प्रेरणा भी है।


मुख्य अतिथि: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह
मारोह के मुख्य अतिथि श्री अमित शाह ने CRPF जवानों की परेड की समीक्षा की और अपने प्रेरणादायक संबोधन में बल के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि CRPF का साहस, बलिदान और अनुशासन भारत की आंतरिक सुरक्षा की रीढ़ है। विशेष रूप से नक्सलवाद, आतंकवाद और दंगों के खिलाफ जिस निडरता से CRPF ने मोर्चा संभाला है, वह बेजोड़ है।

 

अमित शाह ने यह भी कहा कि जवानों की वीरता के बिना आज भारत इतना सुरक्षित और संगठित नहीं होता। उन्होंने CRPF को “कर्तव्य की सजीव प्रतिमा” बताया।


 मुख्यमंत्री मोहन यादव का भावुक संदेश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने समारोह को संबोधित करते हुए CRPF जवानों की वीरता और राष्ट्रभक्ति को भावपूर्ण शब्दों में सराहा। उन्होंने कहा कि भारत माता की सेवा में जिन वीरों ने अपना सर्वस्व समर्पित किया, वे युगों तक स्मरणीय रहेंगे। मुख्यमंत्री ने CRPF को आंतरिक सुरक्षा का प्रहरी बताते हुए कहा, “आपकी निष्ठा और शौर्य ने प्रदेश और देश दोनों को सशक्त बनाया है।

उन्होंने नीमच को CRPF की जन्मस्थली होने पर गर्व व्यक्त किया और इसे वीरता और अनुशासन की भूमि बताया। उनका भाषण लोगों के दिलों को छू गया।


विशेष आकर्षण: कोबरा बटालियन और K9 स्क्वाड
 समारोह का विशेष आकर्षण रहा कोबरा बटालियन और K9 स्क्वाड का प्रदर्शन, जिसने सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कोबरा जवानों ने अत्याधुनिक तकनीक और युद्ध कौशल का ऐसा प्रदर्शन किया जो किसी सैन्य फिल्म की तरह रोमांचक था। वहीं K9 स्क्वाड के प्रशिक्षित श्वानों ने विस्फोटक पहचान, पीछा और पकड़ तकनीक से दिखाया कि कैसे वे सुरक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं। दर्शकों ने तालियों की गूंज से इन जवानों और उनके चार पैर वाले साथियों का स्वागत किया। यह प्रदर्शन CRPF की तैयारियों और क्षमता का सजीव उदाहरण था।


ऐतिहासिक महत्व: नीमच से CRPF का जुड़ाव
27 जुलाई 1939 को नीमच में ‘क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस’ की स्थापना हुई थी, जो बाद में स्वतंत्र भारत में 1949 में CRPF के रूप में जानी गई। यह वह स्थान है जहाँ से बल की गौरवगाथा शुरू हुई। 19 मार्च 1950 को सरदार वल्लभभाई पटेल ने CRPF को उसका आधिकारिक ध्वज प्रदान किया, जिसे हर वर्ष इस दिन ध्वज दिवस के रूप में मनाया जाता है। नीमच न केवल इस बल की शुरुआत का स्थल है, बल्कि इसके आत्मबल, अनुशासन और परंपराओं की नींव भी है। CRPF का इतिहास नीमच की माटी में रचा-बसा है।


 समारोह का विस्तार: 17 अप्रैल तक कार्यक्रम जारी
इस वर्ष का स्थापना दिवस समारोह सिर्फ एक दिन तक सीमित नहीं रहा। 17 अप्रैल तक चले इस विस्तारित आयोजन में अनेक कार्यक्रम, प्रदर्शनी, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और शौर्य पुरस्कार समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। इसमें स्थानीय जनता की भागीदारी भी भरपूर रही, जिससे CRPF और समाज के बीच की दूरी और घुलनशीलता को बल मिला। यह आयोजन न केवल बल का उत्सव था, बल्कि देश के नागरिकों और सुरक्षाबलों के बीच विश्वास और सम्मान की डोर को और मजबूत करने का एक अवसर भी था। CRPF की भावना जन-जन से जुड़ी रही।


 'हमारा प्रयास' का सलाम
हमारा प्रयास CRPF के हर वीर जवान को आदरपूर्वक नमन करता है। उनकी सेवा, समर्पण और बलिदान को शब्दों में बाँध पाना असंभव है। हम मानते हैं कि जब तक ऐसे सिपाही भारत माता की रक्षा में तैनात हैं, तब तक देश की आत्मा अडिग रहेगी। उनका साहस हमारी प्रेरणा है, और उनका समर्पण हमारे लिए कर्तव्य की मिसाल है। ‘हमारा प्रयास’ परिवार की ओर से हर जवान और उनके परिवार को सलाम, जो देश की चुपचाप सेवा करते हैं – बिना थके, बिना रुके, हर पल देश की रक्षा करते हुए।


🖋 ब्यूरो रिपोर्ट
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