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ऑस्ट्रेलिया की वीजा कटौती पर भारत का रुख -

दिनांक: 17 अप्रैल 2025 | लेखक: हमारा प्रयास न्यूज़ डेस्क[टैगलाइन: आपकी बात - सच्चाई के साथ]

ऑस्ट्रेलिया ने सख्त की वीजा नीति, भारतीय छात्र और पेशेवर प्रभावित

 ANI| दिल्ली |ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में अपनी आव्रजन नीतियों में बड़े बदलाव किए हैं, जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय छात्रों और कुशल श्रमिकों के लिए वीजा नियमों को और सख्त कर दिया गया है। इस कदम का असर भारत सहित कई देशों के नागरिकों पर पड़ सकता है, विशेष रूप से उन भारतीय छात्रों और पेशेवरों पर जो ऑस्ट्रेलिया में उच्च शिक्षा और नौकरी के अवसर तलाशते हैं।

ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने 2025 तक नेट माइग्रेशन को कम करने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत, अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा की संख्या में कटौती, अंग्रेजी भाषा की आवश्यकताओं को सख्त करना, और वित्तीय क्षमता के मानदंड बढ़ाना जैसे कदम उठाए गए हैं। भारतीय छात्र, जो ऑस्ट्रेलिया में दूसरी सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय छात्र आबादी हैं, इस नीति से सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं।पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा और स्थायी निवास (Permanent Residency) के अवसरों में कमी की आशंका ने भारतीय समुदाय में चिंता बढ़ा दी है। ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई और करियर बनाने का सपना देखने वाले हजारों भारतीय युवाओं के लिए यह एक बड़ा झटका हो सकता है।

भारत का आधिकारिक बयान: "वीजा मामला ऑस्ट्रेलिया की संप्रभुता"

 

रत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "वीजा मामला संप्रभुता से जुड़ा है। ऑस्ट्रेलिया को यह तय करने का अधिकार है कि वह किसे वीजा देना चाहता है। हम इसे उसी दृष्टिकोण से देखते हैं।"

रणधीर जायसवाल  का यह बयान दर्शाता है कि भारत इस मामले में तटस्थ रुख अपनाए हुए है और ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखना चाहता है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्वाड गठबंधन और आर्थिक सहयोग समझौते (ECTA) जैसे मंचों पर साझेदारी को देखते हुए, भारत इस मुद्दे को राजनयिक रूप से संभाल रहा है।

भारतीय छात्रों और पेशेवरों पर क्या होगा असर ?

 2023-24 में, भारतीय छात्र ऑस्ट्रेलिया में दूसरी सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय छात्र आबादी थे, केवल चीन के बाद। ऑस्ट्रेलिया की अर्थव्यवस्था में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का योगदान महत्वपूर्ण है, लेकिन नई नीति से वीजा आवेदनों में कमी और सख्त स्क्रूटनी की उम्मीद है।

 छात्रों के लिए: वीजा नियमों में सख्ती के कारण प्रवेश प्रक्रिया जटिल हो सकती है। अंग्रेजी भाषा टेस्ट (जैसे IELTS) में उच्च स्कोर और बढ़ी हुई वित्तीय आवश्यकताएँ चुनौती बन सकती हैं।पेशेवरों के लिए: कुशल श्रमिक वीजा (Skilled Worker Visa) के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है, और स्थायी निवास के अवसर सीमित हो सकते हैं।आर्थिक प्रभाव: विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति ऑस्ट्रेलिया की शिक्षा और सेवा क्षेत्र को भी प्रभावित कर सकती है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय छात्र अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देते हैं।

 

भारत सरकार की भूमिका

भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि वह ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के साथ संपर्क में है और भारतीय छात्रों व पेशेवरों की सुरक्षा और कल्याण को प्राथमिकता देता है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि वह स्थिति पर नजर रखे हुए है और अपने नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाएगा।

 

 ऑस्ट्रेलिया की नई वीजा नीति भारतीय छात्रों और पेशेवरों के लिए चुनौतियाँ ला सकती है, लेकिन भारत ने इस मामले में संयमित और राजनयिक रुख अपनाया है। "हमारा प्रयास" अपने पाठकों को इस मुद्दे पर नवीनतम अपडेट्स और विश्लेषण प्रदान करता रहेगा।[हमारा प्रयास: आपकी बात - सच्चाई के साथ]

लेखक: हमारा प्रयास न्यूज़ डेस्क | संपर्क: info@hamaraprayas.com

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